स्मशान में जलनेवाली चिता क्या कोई साधारण चीज है ? औरों को शायद ऐसा लगता होगा मगर मुझे नहीं लगता । मुझे तो वह सदैव ही शिक्षा व प्रेरणादायी लगती है । विवेकभ्रष्ट और मोहमाया से अंध लोगों को वह मानो अपनी ज्योति से शिक्षा देती है कि एक दिन संसार की सभी चीजें भस्मीभूत होनेवाली है । इसलिए उन चीजों के पीछे भागना व्यर्थ है । यह सुंदर दीखनेवाला शरीर आखिरकार मिट्टी में मिलनेवाला है । इसलिये उसकी ममता और मोह करना छोडो । उसके लिए न करने जैसे कार्य करना छोडो । अपने बल, यौवन, रूप या धन का गुमान करना छोडो क्योंकि ऐसे अनगिनत बलवान, रूपवान, धनवान और सौंदर्यवान लोग चिता में भस्म हो गये है । इससे प्रेरणा पाकर तुम भी अहंकार का त्याग करो और अच्छे कर्म करने का प्रयत्न करो । ताकि मृत्यु आने पर जीस्म तो जल जाय मगर तुम्हारा जीवन अमर हो जाय ।
स्मशान की चिता में ऐसे तो कई अनगिनत संदेश छीपे हुए है । चिता को अगर एक युनिवर्सीटी की उपमा दी जाये तो वो गलत नहीं होगा । दुनिया में ऐसे कई लोग है जो आंख बंद करके जीते है । मतलब यह कि अपने आसपास जो कुछ हो रहा है उससे कुछ प्रेरणा नहीं लेते ओर बस अपनी ही मस्तीमें जीये जाते है । लेकिन जो जाग्रत होते हैं वो अपने आसपास के दृश्यों व घटनाओं से शिक्षा पाते है । उनके लिये कोलेज व स्कुल और किताबें ही केवल शिक्षादायी नहीं होते बल्कि चिता जैसी चीज भी शिक्षा की अनुपम सामग्री बन जाती है ।
एक दिन जाना रे भाई,
आखिर मिट्टी में मिल जाना,
एक दिन जाना रे भाई ।